गौरवशाली एवं समृद्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्तित्व एवं प्रतिभाशाली भविष्य

व्योहार राम मनोहर सिन्हा

व्योहार राम मनोहर सिन्हा

व्यौहार राममनोहर सिंहा का जन्म 15 जून 1929 को जबलपुर के ख्यातिप्राप्त गांधीवादी परिवार में हुआ। उनके घर 'व्यौहार निवास-पैलेस' में उस वक्त के सभी जाने-माने नेताओं का आना जाना रहता था, और यहीं से उनके मन में राष्ट्रीयता के बीज उभरे। विश्व-भारती विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के साथ उन्होंने श्री नंद लाल बोस की छत्र-छाया में आधुनिक भारतीय कला की बारीकियों को सीखा। वे अपने समय के उत्कृष्ट कलाकार माने जाते हैं, उन्होंने 1952-53 में जबलपुर के शहीद स्मारक के गुम्बज पर भारत की स्वाधीनता से जुड़ी आकृतियाँ बनायीं और उनके जीवन का अविस्मरणीय कार्य 'भारतीय संविधान का अलंकरण' है। इसकी ज़िम्मेदरी मिलने पर वे स्वयं अजंता, एलोरा, बाघ बादामी, साँची, सारनाथ और महाबलीपुरम जैसे स्थानों पर गए और वहाँ की पवित्र कलाओं से पद्म, नंदी, ऐरावत, अश्व, हंस और मयूर जैसे प्रतीकों की झलक को भारतीय संविधान में दिखाया।