Bahu Beti

शादी के सूत्र

लडके- लड़कियों. की शादी की सही उम्र क्या है? इस पर भी एक सर्व सम्मत अनुशासन होनी चाहिए. माता-पिता का यह दायित्व है कि वे समयानुसार अपने बच्चों की शादी अवश्य कर दे. कैरिएर के नाम पर सीमा का अतिक्रमण करना ठीक नहीं है. यह बात लड़की के माता-पिता को ज्यादा समझनी चाहिए. अगर लड़की के माता-पिता ससमय अपनी जिम्मेवारी निभाएं तो लडके की शादी उम्र सीमा में निश्चित रूप से हो जायगी. लड़की -लडके दोनों को अपनी शिक्षा , नौकरी या व्यवसाय, पारिवारिक पृष्ठभूमि के अनुसार शादी की प्राथमिकताएं तय करनी होगी. हम समझते हैं ऐसा करने से बहुत सी समस्याओं का समाधान स्वतः हो जाएगा. दूसरी बात, हमें उपजाति के बंधन को सहर्ष तोड़ना चाहिए. प्रायः देखा जाता है कि एक ही उपजाति के चक्कर में लोगों को योग्य वर-वधु के चयन में अत्यधिक परेशानी होती है. यह भी देखा जाता है कि जब उम्र बढ़ने लगती है और शादी के अवसर कम होने लगते हैं तो लोग दूसरी उपजाति में शादी के लिए सोचने लगते हैं. यह मजबूरी क्यों? उस वक्त दूसरी उपजाति मान्य क्यों हो जाती है? मैं इसे कायस्थ जाति के पिछड़ापन के रूप में देखता हूँ. इससे स्वयं के अहित के साथ-साथ समाज का भी अहित होता है. विजातीय विवाह का एक कारण यह भी है. उपजाति के नाम पर नाक-भौं सिकोडनेवाले अभिभावक उस समय विजातीय शादी पर बच्चों की ख़ुशी की दुहाई देते नहीं थकते. और हम जान-बूझ कर अपने जाति में वर्णशंकर नाम की गाली को जोड़ लेते हैं. इस तरह के ढोंग ख़त्म करने होंगे....