श्री चित्रगुप्त पूजन विधि
नवग्रह की पूजा
लकड़ी के पाटे पर 9 सुपारी अथवा 9 हल्दी या चावल के पुञ्ज से नवग्रह बनावें।
चित्रगुप्त जी का ध्यान:-
हाथ में फूल तथा चावल लेकर चित्रगुप्त जी का ध्यान करें ।
ध्यान मंत्र
स्नानं-
गंगाजल से स्नान करायें ।
पंचामृत से भगवान को स्नान करायें ।
वस्त्रं
पुष्प/फूल समर्पण-
हाथ में फूल लेकर मंत्र पढ़ते हुए पुष्प समर्पित करें।
माला समर्पण-
हाथ में फूल की माला लेकर मंत्र पढ़ते हुए चित्रगुप्त भगवान को माला अर्पित करें ।
धूप समर्पण-
धूप पात्र में धूप जलाकर ,धूप दिखायें और मंत्र उच्चरित करें।
दीपम् समर्पण
दीप प्रज्वल्लित कर दीप दिखलायें और मंत्र पढ़ते हुए दीप समर्पित करें ।
नैवैद्य समर्पण-
मिष्ठान एवं अदरक तथा गुड़ के रस का प्रसाद हाथ में लेकर मंत्र पढ़ते हुए भगवान को समर्पित करें ।
ताम्बूल समर्पण-
पान के पत्ते को उलट कर उस पर लौंग इलायची तथा कुछ मीठा (गुड़ अथवा शक्कर ) रखें और ताम्बूल बनाकर मंत्र सहित समर्पित करें ।
दक्षिणा समर्पण-
हाथ में श्रद्धानुसार दक्षिणा लेकर मंत्र पढ़ते हुए समर्पित करें ।
दक्षिणाभिश्च सन्युक्ता चित्रगुप्त नमोऽस्तुते ।
ॐ चित्रगुप्ताय नम: दक्षिणा समर्पयामि ॥
लेखनी दवात की पूजा
अब इसके बाद कापी,कलम तथा दवात की पूजा करें। सर्वप्रथम गंगाजल से स्नान करायें। उसके बाद पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप, दीप से पूजा करें। पूजा करने के बाद सादे कागज पर लाल स्याही से पांच देवता का नाम लिखें अथवा ११ बार ॐ चित्रगुप्ताय नम: लिखें । उसके बाद कागज / पन्ने को चित्रगुप्त भगवान के पास रखकर चित्रगुप्त गायत्री मंत्र से उस पर पुष्प अर्पण करें ।
चित्रगुप्त गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चित्रगुप्ताय।
धीमहि तन्नो चित्रगुप्त प्रचोदयात॥
श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम:
पांच देवता के नाम - श्री गणेशाय नम:, जय श्री शिव शंकर, जय श्री राम, जय हनुमान, जय श्री कृष्ण
॥ इति श्री चित्रगुप्त पूजन ॥
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चित्रगुप्त पूजा विधि
चित्रगुप्त पूजा हेतु पूजन सामग्री
∗ श्री चित्रगुप्त जी की तस्वीर
∗ चंदन∗ रौली∗ मौली∗ धूप∗ रूई∗ पान∗ सुपारी∗ अबीर∗ पीली सरसों∗ गंगाजल
∗ चावल (पीले रंग का)∗ तिल∗ जौ∗ दूध∗ दही∗ शहद∗ शक्कर∗ अदरक∗ घी
∗ ताम्बे या कांसे का कटोरा∗ जनेऊ (यज्ञोपवीत )∗ मिट्टी का पात्र∗ दोने
∗ कपूर∗ ऋतुफल∗ पंचपात्र∗ कलम∗ दवात∗ स्याही∗ माला∗ फूल∗ चौकी∗ कलश
∗ वस्त्र लाल -2, पीला-1∗ लकड़ी का पाटा∗ आसन∗ नैवैद्य∗ चम्मच∗ अर्घा
∗ माचिस∗ तुलसी पत्ता∗ लोटा∗ दूब∗ दीप∗ आम का पत्ता∗ लौंग∗ इलाइची
∗ सादे कागज∗ मिट्टी का कटोरी-2
चित्रगुप्त पूजा हेतु हवन सामग्री
∗ हवन कुण्ड ∗ घी∗ तिल∗ चावल∗ जौ∗ हवन सामग्री का पैकेट
∗ आम की लकड़ी
पूजा की तैयारी
पूजा के स्थान को शुद्ध कर लें । पूजा करने के लिये उपस्थित सभी साधक स्नान कर शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछायें और उस पर चित्रगुप्त भगवान की तस्वीर या मुर्ति स्थापित करें। गणेश जी की मूर्ति अथवा तस्वीर रखें। यदि गणेश जी की मूर्ति अथवा तस्वीर ना हो तो सुपारी पर मौली बांध कर गणेश जी बनाकर चौकी पर स्थापित करें। कलश में शुद्ध जल भर लें। आम के पत्तों को धो लें । सभी फल को धो लें। दूध, दही, घी, शहद तथा शक्कर का रस मिलाकर पंचामृत तैयार कर लें। अदरक का रस तथा गुड़ मिलाकर प्रसाद बनायें। पंचपात्र में जल भर कर रख लें और उसमें थोड़ा गंगाजल मिला दें। मिट्टी के एक कटोरे में शक्कर भर कर रखें ।
श्री चित्रगुप्त पूजन विधि
साधक सभी बंधु-बांधवों के साथ आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठ जायें।
पवित्रीकरण
पंच-पात्र में से फूल अथवा चम्मच से जल लेकर दाएं हाथ की अंगुलियों से पूजा की सारी सामग्री व बंधु-बांधवों पर जल छिड़कते हुए पवित्र होने का मंत्र का उच्चारण कर उपस्थित बंधु-बांधवों के साथ अपने आप को पवित्र कर लें।
पवित्र होने का मंत्र
ॐ अपावित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्याभ्यन्तर: शुचिः॥
मुख शुद्धि
पुष्प या चम्मच से तीन बार दाएँ हाथ में जल ले कर मुख शुद्धि करें ।
अब “ॐ केशवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर “ॐ नारायणाय नमः” 'मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
अब “ॐ वासुदेवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर “ॐ हृषिकेशाय नमः” कहते हुए दाएँ हाथ के अंगूठे के से होंठों को दो बार पोंछकर हाथों को धो लें।
गणेश जी का ध्यान :-
हाथ में पीला चावल तथा फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें।
chitragupta puja
अब गणेश जी का पूजन प्रारम्भ करें । सर्वप्रथम पंचपात्र से जल लेकर गणेश जी को स्नान करावें। अब गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्र के लिये पीला कपड़ा अथवा वस्त्र की जगह पर मौली अर्पित करें। फिर जनेऊ अर्पित करें। अब चंदन तथा रोली लगावें। चावल तथा फूल चढ़ाएं । श्री फल भेंट करें। धूप समर्पित करें। अब नैवैद्य का भोग लगायें।
कलश पूजा
कलश में जल भर कर उसमें गंगा जल मिलावें। कलश में दुर्बा या दूब, सुपारी, हल्दी गांठ, द्रव्य (१ रुपये का सिक्क) डालें। मिट्टी के कटोरे (कसोरा) में शक्कर भरकर कलश पर रखें।
हाथ में चावल तथा फूल लेकर कलश का ध्यान करें
कलश का ध्यान मंत्र
chitragupta puja katha
नवग्रह की पूजा
लकड़ी के पाटे पर 9 सुपारी अथवा 9 हल्दी या चावल के पुञ्ज से नवग्रह बनावें।
chitragupta puja katha
गणेश जी का ध्यान :-
हाथ में पीला चावल तथा फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें।
अब गणेश जी का पूजन प्रारम्भ करें । सर्वप्रथम पंचपात्र से जल लेकर गणेश जी को स्नान करावें। अब गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्र के लिये पीला कपड़ा अथवा वस्त्र की जगह पर मौली अर्पित करें। फिर जनेऊ अर्पित करें। अब चंदन तथा रोली लगावें। चावल तथा फूल चढ़ाएं । श्री फल भेंट करें। धूप समर्पित करें। अब नैवैद्य का भोग लगायें।
कलश पूजा
कलश में जल भर कर उसमें गंगा जल मिलावें। कलश में दुर्बा या दूब, सुपारी, हल्दी गांठ, द्रव्य (१ रुपये का सिक्क) डालें। मिट्टी के कटोरे (कसोरा) में शक्कर भरकर कलश पर रखें।
हाथ में चावल तथा फूल लेकर कलश का ध्यान करें
कलश का ध्यान मंत्र
नवग्रह की पूजा
लकड़ी के पाटे पर 9 सुपारी अथवा 9 हल्दी या चावल के पुञ्ज से नवग्रह बनावें।
चित्रगुप्त जी का ध्यान:-
हाथ में फूल तथा चावल लेकर चित्रगुप्त जी का ध्यान करें ।
ध्यान मंत्र
स्नानं-
गंगाजल से स्नान करायें ।
पंचामृत से भगवान को स्नान करायें ।
वस्त्रं
पुष्प/फूल समर्पण-
हाथ में फूल लेकर मंत्र पढ़ते हुए पुष्प समर्पित करें।
माला समर्पण-
हाथ में फूल की माला लेकर मंत्र पढ़ते हुए चित्रगुप्त भगवान को माला अर्पित करें ।
धूप समर्पण-
धूप पात्र में धूप जलाकर ,धूप दिखायें और मंत्र उच्चरित करें।
दीपम् समर्पण
दीप प्रज्वल्लित कर दीप दिखलायें और मंत्र पढ़ते हुए दीप समर्पित करें ।
नैवैद्य समर्पण-
मिष्ठान एवं अदरक तथा गुड़ के रस का प्रसाद हाथ में लेकर मंत्र पढ़ते हुए भगवान को समर्पित करें ।
ताम्बूल समर्पण-
पान के पत्ते को उलट कर उस पर लौंग इलायची तथा कुछ मीठा (गुड़ अथवा शक्कर ) रखें और ताम्बूल बनाकर मंत्र सहित समर्पित करें ।
दक्षिणा समर्पण-
हाथ में श्रद्धानुसार दक्षिणा लेकर मंत्र पढ़ते हुए समर्पित करें ।
दक्षिणाभिश्च सन्युक्ता चित्रगुप्त नमोऽस्तुते ।
ॐ चित्रगुप्ताय नम: दक्षिणा समर्पयामि ॥
लेखनी दवात की पूजा
अब इसके बाद कापी,कलम तथा दवात की पूजा करें। सर्वप्रथम गंगाजल से स्नान करायें। उसके बाद पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप, दीप से पूजा करें। पूजा करने के बाद सादे कागज पर लाल स्याही से पांच देवता का नाम लिखें अथवा ११ बार ॐ चित्रगुप्ताय नम: लिखें । उसके बाद कागज / पन्ने को चित्रगुप्त भगवान के पास रखकर चित्रगुप्त गायत्री मंत्र से उस पर पुष्प अर्पण करें ।
चित्रगुप्त गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चित्रगुप्ताय।
धीमहि तन्नो चित्रगुप्त प्रचोदयात॥
श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम:
पांच देवता के नाम - श्री गणेशाय नम:, जय श्री शिव शंकर, जय श्री राम, जय हनुमान, जय श्री कृष्ण
॥ इति श्री चित्रगुप्त पूजन ॥
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अब गणेश जी का पूजन प्रारम्भ करें । सर्वप्रथम पंचपात्र से जल लेकर गणेश जी को स्नान करावें। अब गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्र के लिये पीला कपड़ा अथवा वस्त्र की जगह पर मौली अर्पित करें। फिर जनेऊ अर्पित करें। अब चंदन तथा रोली लगावें। चावल तथा फूल चढ़ाएं । श्री फल भेंट करें। धूप समर्पित करें। अब नैवैद्य का भोग लगायें।
कलश पूजा
कलश में जल भर कर उसमें गंगा जल मिलावें। कलश में दुर्बा या दूब, सुपारी, हल्दी गांठ, द्रव्य (१ रुपये का सिक्क) डालें। मिट्टी के कटोरे (कसोरा) में शक्कर भरकर कलश पर रखें।
हाथ में चावल तथा फूल लेकर कलश का ध्यान करें
कलश का ध्यान मंत्र
नवग्रह की पूजा
लकड़ी के पाटे पर 9 सुपारी अथवा 9 हल्दी या चावल के पुञ्ज से नवग्रह बनावें।
चित्रगुप्त जी का ध्यान:-
हाथ में फूल तथा चावल लेकर चित्रगुप्त जी का ध्यान करें ।
ध्यान मंत्र
स्नानं-
गंगाजल से स्नान करायें ।
पंचामृत से भगवान को स्नान करायें ।
वस्त्रं
पुष्प/फूल समर्पण-
हाथ में फूल लेकर मंत्र पढ़ते हुए पुष्प समर्पित करें।
माला समर्पण-
हाथ में फूल की माला लेकर मंत्र पढ़ते हुए चित्रगुप्त भगवान को माला अर्पित करें ।
धूप समर्पण-
धूप पात्र में धूप जलाकर ,धूप दिखायें और मंत्र उच्चरित करें।
दीपम् समर्पण
दीप प्रज्वल्लित कर दीप दिखलायें और मंत्र पढ़ते हुए दीप समर्पित करें ।
नैवैद्य समर्पण-
मिष्ठान एवं अदरक तथा गुड़ के रस का प्रसाद हाथ में लेकर मंत्र पढ़ते हुए भगवान को समर्पित करें ।
ताम्बूल समर्पण-
पान के पत्ते को उलट कर उस पर लौंग इलायची तथा कुछ मीठा (गुड़ अथवा शक्कर ) रखें और ताम्बूल बनाकर मंत्र सहित समर्पित करें ।
दक्षिणा समर्पण-
हाथ में श्रद्धानुसार दक्षिणा लेकर मंत्र पढ़ते हुए समर्पित करें ।
दक्षिणाभिश्च सन्युक्ता चित्रगुप्त नमोऽस्तुते ।
ॐ चित्रगुप्ताय नम: दक्षिणा समर्पयामि ॥
लेखनी दवात की पूजा
अब इसके बाद कापी,कलम तथा दवात की पूजा करें। सर्वप्रथम गंगाजल से स्नान करायें। उसके बाद पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप, दीप से पूजा करें। पूजा करने के बाद सादे कागज पर लाल स्याही से पांच देवता का नाम लिखें अथवा ११ बार ॐ चित्रगुप्ताय नम: लिखें । उसके बाद कागज / पन्ने को चित्रगुप्त भगवान के पास रखकर चित्रगुप्त गायत्री मंत्र से उस पर पुष्प अर्पण करें ।
चित्रगुप्त गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चित्रगुप्ताय।
धीमहि तन्नो चित्रगुप्त प्रचोदयात॥
श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम: श्री चित्रगुप्ताय नम:
पांच देवता के नाम - श्री गणेशाय नम:, जय श्री शिव शंकर, जय श्री राम, जय हनुमान, जय श्री कृष्ण
॥ इति श्री चित्रगुप्त पूजन ॥
" />
चित्रगुप्त पूजा विधि
चित्रगुप्त पूजा हेतु पूजन सामग्री
∗ श्री चित्रगुप्त जी की तस्वीर
∗ चंदन∗ रौली∗ मौली∗ धूप∗ रूई∗ पान∗ सुपारी∗ अबीर∗ पीली सरसों∗ गंगाजल
∗ चावल (पीले रंग का)∗ तिल∗ जौ∗ दूध∗ दही∗ शहद∗ शक्कर∗ अदरक∗ घी
∗ ताम्बे या कांसे का कटोरा∗ जनेऊ (यज्ञोपवीत )∗ मिट्टी का पात्र∗ दोने
∗ कपूर∗ ऋतुफल∗ पंचपात्र∗ कलम∗ दवात∗ स्याही∗ माला∗ फूल∗ चौकी∗ कलश
∗ वस्त्र लाल -2, पीला-1∗ लकड़ी का पाटा∗ आसन∗ नैवैद्य∗ चम्मच∗ अर्घा
∗ माचिस∗ तुलसी पत्ता∗ लोटा∗ दूब∗ दीप∗ आम का पत्ता∗ लौंग∗ इलाइची
∗ सादे कागज∗ मिट्टी का कटोरी-2
चित्रगुप्त पूजा हेतु हवन सामग्री
∗ हवन कुण्ड ∗ घी∗ तिल∗ चावल∗ जौ∗ हवन सामग्री का पैकेट
∗ आम की लकड़ी
पूजा की तैयारी
पूजा के स्थान को शुद्ध कर लें । पूजा करने के लिये उपस्थित सभी साधक स्नान कर शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछायें और उस पर चित्रगुप्त भगवान की तस्वीर या मुर्ति स्थापित करें। गणेश जी की मूर्ति अथवा तस्वीर रखें। यदि गणेश जी की मूर्ति अथवा तस्वीर ना हो तो सुपारी पर मौली बांध कर गणेश जी बनाकर चौकी पर स्थापित करें। कलश में शुद्ध जल भर लें। आम के पत्तों को धो लें । सभी फल को धो लें। दूध, दही, घी, शहद तथा शक्कर का रस मिलाकर पंचामृत तैयार कर लें। अदरक का रस तथा गुड़ मिलाकर प्रसाद बनायें। पंचपात्र में जल भर कर रख लें और उसमें थोड़ा गंगाजल मिला दें। मिट्टी के एक कटोरे में शक्कर भर कर रखें ।
श्री चित्रगुप्त पूजन विधि
साधक सभी बंधु-बांधवों के साथ आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठ जायें।
पवित्रीकरण
पंच-पात्र में से फूल अथवा चम्मच से जल लेकर दाएं हाथ की अंगुलियों से पूजा की सारी सामग्री व बंधु-बांधवों पर जल छिड़कते हुए पवित्र होने का मंत्र का उच्चारण कर उपस्थित बंधु-बांधवों के साथ अपने आप को पवित्र कर लें।
पवित्र होने का मंत्र
ॐ अपावित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्याभ्यन्तर: शुचिः॥
मुख शुद्धि
पुष्प या चम्मच से तीन बार दाएँ हाथ में जल ले कर मुख शुद्धि करें ।
अब “ॐ केशवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर “ॐ नारायणाय नमः” 'मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
अब “ॐ वासुदेवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर “ॐ हृषिकेशाय नमः” कहते हुए दाएँ हाथ के अंगूठे के से होंठों को दो बार पोंछकर हाथों को धो लें।
गणेश जी का ध्यान :-
हाथ में पीला चावल तथा फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें।