संगठन का संविधान
<p>मषीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वं माहितले। लेखनी कटनी हस्त, चित्रगुप्त नम<strong>·</strong>स्तुते।। <br />
चित्रगुप्त नमस्तुभ्यं लेखकाक्षरदायकम्। कायस्थ जातिमासाद्यम चित्रगुप्त नम<strong>·</strong>स्तुते।। </p>
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<h3>अखिल भारतीय कायस्थ संगठन</h3>
<p>मुख्यालय: किशोरगंज, रोड न॰ 6, हरमु रोड, रांची-834001 ।</p>
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<h3>कार्यक्षेत्र : सम्पूर्ण भारत। </h3>
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<h3>प्रस्तावना / स्मृति पत्र : </h3>
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<li>सामाजिक कुरीतियों एवं विकृतियों को समाप्त करने की दिशा मे कार्य करना। </li>
<li>कायस्थ उपजातियों के भेद-भाव को मिटाना एवं वैवाहिक सम्बन्धों को उपजातियों के बीच सुनिश्चित करना।</li>
<li>कायस्थ परिवार मे आध्यात्मिक,नैतिक, सांस्कृतिक ,सामाजिक जागृति लाने हेतु पत्र/ पत्रिका का प्रकाशन, विचार गोष्ठियों, व्याख्यानों, एवं सम्मेलनों का आयोजन सुनिश्चित करना। </li>
<li>विजातीय विवाह पर यथा संभव विराम लगाना। </li>
<li>समाज के मुख्य धारा से पिछड़ गए लोगों के लिए साधन सुलभ कराना, अवसर के प्रति जागृति लाना और हर संभव सहायता प्रदान करना।</li>
<li>सामाजिक सौहार्द्र, भाईचारा, एकता संवर्धन के लिए कार्य करना। </li>
<li>परिवार मे विलुप्त होते संस्कार, संस्कृति का संरक्षण करते हुये पारिवारिक विखराव, तलाक एवं विवाद के समापन के लिए कार्य करना। </li>
<li>कायस्थ समाज के ऐतिहासिक कैथी लिपि का संरक्षण, विकास एवं पारिवारिक शिक्षण का अंग बनाना। </li>
<li>भगवान श्री चित्रगुप्त मंदिर की देख-रेख, जीर्णोद्धार, विकास, संरक्षण एवं प्रतिष्ठापन की जिम्मेवारी उठाना एवं भगवान श्री चित्रगुप्त के प्रति समाज के लोगों मे जागृति लाना।</li>
<li>आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों की समुचित शिक्षा, एवं लड़कियों के विवाह मे सहायता प्रदान करना। </li>
<li>विद्यालय, प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सालय, पुस्तकालय आदि की स्थापना, प्रबंधन एवं संचालन करना एवं भागीदारी करना। </li>
<li>परिस्थितिजन्य समाज हित के अन्यन्य कार्य जो अतिमहत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक होंगे। </li>
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<h3> <strong> </strong> राजनीतिक विचार धारा <strong> </strong> </h3>
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"संगठन राजनीति निरपेक्ष रहकर सामाजिक सेवा का कार्य पूरी तन्मयता, लगन और निष्ठा के साथ करती रहेगी। संगठन राजनीति के क्षेत्र मे काम कर रहे अपने सभी भाइयों को समान रूप से मदद करेगा, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों।<br />
संगठन का मानना है कि सामाजिक सेवा का क्षेत्र त्याग, समर्पण एवं सेवा का है, जबकि राजनीति सत्ता, शक्ति एवं प्रभुत्व का है। अतः दोनों के बीच एक सीमा रेखा के अंतर्गत कायस्थ समाज के प्रगति के लिए हर संभव एक दूसरे की मदद करेंगे। संगठन का मानना है कि राजनीति मे कार्य कर रहे भाई को संगठन के शीर्ष पदों की जिम्मेवारी से बांधना उचित नहीं है। किसी भी पार्टी से संबंध रखने वाले भाई पार्टी के नीतियों से बंधे रहने के कारण सामाजिक संगठन के कार्यों मे पार्टी निरपेक्ष नहीं रह सकते, जिससे दूसरी पार्टियों मे काम कर रहे भाइयों के प्रति समानता का भाव नहीं रह जायगा। ऐसी परिस्थिति मे सामाजिक कार्य का संतुलन नहीं होगा। दूसरी ओर राजनीति मे हमारे भाइयों पर जातिवादी होने का आरोप लगेगा, जिससे उन्हे राजनीतिक लक्ष्य प्राप्त करने मे भी असुविधा होगी। संगठन सभी राजनीतिक भाइयों के साथ प्रत्यक्ष–अप्रत्यक्ष रूप से खड़ी रहेगी । उन्हें अपने मंचों पर सम्मानित करेगी और उनका समर्थन कर उत्साह वर्धन करती रहेगी । <br />
सामाजिक संगठन मे एक आम व्यक्ति और खास व्यक्ति के लिए समान दृष्टि होगा। संगठन, समाज मे राजनीति नहीं, राजनीति मे समाज की हिस्सेदारी की पक्षधर होगी । <br />
अखिल भारतीय कायस्थ संगठन मे शुचिता, प्रतिबद्धता, कार्य कुशलता एवं पारदर्शिता का शत प्रतिशत अनुपालन किया जायगा। समाज के वरिष्ठ व्यक्ति का सम्मान, युवाओं को मार्गदर्शन एवं जातिगत संस्कारों का प्रतिष्ठापन एवं परिवर्धन संगठन का मूल मंत्र होगा।"</p>